Monday, May 25, 2009

ख्वाब....

कल रात नींद में एक ख्वाब देखा
किसी जन्नत में एक आफताब देखा
खूबसूरती उसकी बयाँ नहीं कर सकता मैं
खोजा तो बहुत पर चर्चे को एक भी शब्द नहीं देखा
सोंचा एक तस्वीर बना कर रखूँगा दिल के पास
पर एक भी रंग उसके लिए नहीं लाजवाब देखा
कल रात नींद में एक ख्वाब देखा......
उस हुस्न परी को मेरे पास देखा
उसका मुस्कुराना, थोडा नजरें झुका कर शरमाना देखा
दिल में कुछ बातें थी उसकी,
जो मैंने उसकी आँखों में देखा
उसका मुझपर ऐतबार और प्यार देखा
कल रात नींद में एक ख्वाब देखा.....
और आज जागती आँखों से उसे हकीकत में देखा
फर्क इतना था कल रात नींद में ख्वाब देखा
और आज वो खुद मुझे एक हसीं ख्वाब दिखा....

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